शीर्षासन करने के अद्भुत फायदे | Benefits of Sirsasana in Hindi

Benefits of Sirsasana in Hindi: अक्सर लोगों को फिट और हेल्दी रहने के लिए नियमित रूप से योग करने की सलाह दी जाती है। योग न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि यह शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। इसे रोजाना करने से तनाव कम होता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, प्रतिरक्षा तंत्र बेहतर होता है और कई बीमारियों से बचाव में भी मदद मिलती है। इन्हीं योगासनों में से एक है शीर्षासन, जो शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। नियमित शीर्षासन करने से रक्त संचार बेहतर होता है, एकाग्रता बढ़ती है और यह दिमाग को तरोताजा रखने में मदद करता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि शीर्षासन करने से शरीर और मन को क्या-क्या लाभ (Sirsasana Karne Ke Fayde) होते है।

शीर्षासन करने के फायदे – Benefits of Sirsasana in Hindi

इस लेख में हम जानेंगे कि नियमित रूप से शीर्षासन करने से शरीर और मन पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शीर्षासन न केवल शारीरिक ताकत और मानसिक संतुलन को बढ़ाता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि शीर्षासन करने के क्या क्या फायदे (Benefits of Sirsasana in Hindi) होते है।

ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद

शीर्षासन करने से मस्तिष्क में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे ब्रेन को अधिक ऑक्सीजन और पोषण मिल पाता है। यह एकाग्रता बढ़ाने, याददाश्त को सुधारने, तनाव और चिंता को कम करने तथा दिमाग को शांत और सक्रिय रखने में मदद करता है। नियमित रूप से शीर्षासन करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और यह ब्रेन की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।

पाचन के लिए फायदेमंद

नियमित शीर्षासन करने से पेट और पाचन अंगों में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज, एसिडिटी व गैस जैसी सामान्य पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक होता है। जब शरीर उल्टा होता है, तो यह पाचन अंगों पर हल्का दबाव डालता है, जिससे उनकी प्राकृतिक मालिश होती है और पाचन क्रिया सुचारू रूप से चलती है। इसके अलावा, शीर्षासन लीवर और अग्न्याशय की क्रियाशीलता को भी उत्तेजित करता है, जिससे शरीर से विषैले तत्वों का निष्कासन बेहतर तरीके से हो पाता है। 

हार्मोन संतुलन में सहायक

शीर्षासन करने के दौरान पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland) और पीनियल ग्रंथि (Pineal Gland) पर प्रभाव पड़ता है, जो शरीर की अन्य अंतःस्रावी ग्रंथियों को नियंत्रित करती हैं। इससे हार्मोनल असंतुलन में सुधार होता है। यह थायरॉयड ग्रंथि को भी सक्रिय करता है, जिससे मेटाबॉलिज़्म संतुलित रहता है और वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

बालों और स्किन के लिए फायदेमंद

शीर्षासन करना बालों और त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसे नियमित रूप से करने से सिर में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे बालों की ग्रोथ बेहतर होती है और उन्हें जरूरी पोषण भी मिलता है। यह बालों के झड़ने को रोकने, गंजेपन की समस्या से बचाव करने और बालों को मजबूत व स्वस्थ बनाने में मदद करता है। साथ ही, शीर्षासन त्वचा की कोशिकाओं तक बेहतर ऑक्सीजन पहुंचाता है, जिससे स्किन हेल्दी और ग्लोइंग बनती है। यह झुर्रियों, फाइन लाइन्स और अन्य स्किन संबंधी समस्याओं को कम करने में भी सहायक होता है।

मांसपेशियों की मजबूती के लिए 

शीर्षासन करने से शरीर के ऊपरी हिस्से, जैसे कंधे, हाथ, पीठ और पेट में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे इन भागों की मांसपेशियाँ सक्रिय और मजबूत बनती हैं। यह आसन इन मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। शीर्षासन कोर मसल्स को मजबूत करने का एक प्रभावी तरीका है, जो रीढ़ की हड्डी को सहारा देता है और शरीर की स्थिरता तथा संतुलन को बेहतर बनाता है। 

आंखों के लिए फायदेमंद

शीर्षासन आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इसे करने से आंखों में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे आंखों को आवश्यक पोषण और ऑक्सीजन मिलती है। इसका नियमित अभ्यास आंखों की रोशनी को बेहतर करने में मदद करता है और आंखों से जुड़ी समस्याओं जैसे थकान, सूखापन और आंखों की रोशनी को बेहतर करने में सहायक होता है। 

शीर्षासन कैसे करें – Sirsasana Kaise Kare

  • शीर्षासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं। 
  • अब अपने हाथों की कोहनियों तक को जमीन पर टिकाएं और शरीर को आगे की ओर झुकाएं। 
  • इसके बाद दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर एक त्रिकोण आकार बनाएं 
  • और सिर को धीरे-धीरे हथेलियों के बीच रखते हुए जमीन पर टिकाएं। जब सिर संतुलन में आ जाए
  • तो धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाना शुरू करें और पैरों को पूरी तरह सीधा करें। 
  • इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रुकें, फिर धीरे-धीरे सांस लेते हुए पैरों को नीचे लाएं और आराम करें।

सावधानियाँ और निषेध

शीर्षासन का अभ्यास करने से पहले कुछ सावधानियों का पालन करना आवश्यक है। 

शीर्षासन ना करें:

  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो
  • आँखो से सम्बंधित समस्या हो 
  • गर्दन या रीढ़ की हड्डी में चोट हो
  • हृदय रोग की समस्या 
  • गर्भावस्था के दौरान

निष्कर्ष

शीर्षासन करना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसे नियमित रूप से करने से आंखों, मस्तिष्क, पाचन तंत्र, बालों और त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और मांसपेशियों को मजबूती देने में भी सहायक होता है। हालांकि, यह भी जरूरी है कि शीर्षासन योग प्रशिक्षक की निगरानी में ही किया जाए, खासकर शुरुआत में। इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर, पीठ दर्द या हृदय से जुड़ी किसी भी समस्या से पीड़ित लोगों को इस आसन से बचना चाहिए।










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